Wednesday, November 14, 2018

क्या प्लास्टिक संकट से निज़ात दिला पाएंगे ये 5 तरीके?

वक़्त दुनिया जिन चुनौतियों का सामना कर रही है, उसमें प्लास्टिक से निपटने की समस्या सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है.
हर साल क़रीब 1.27 करोड़ टन प्लास्टिक समुद्र में समा जा रहा है.
इसकी वजह से समुद्री जीव-जंतुओं के लिए भयावह साबित हो रहे हैं.
कछुओं की दम घुटने से मौत हो रही है. व्हेलें ज़हर की शिकार होकर मर रही हैं.
प्लास्टिक की इस चुनौती से निपटने
पर, इसके अलावा भी वैज्ञानिक, बढ़ते प्लास्टिक कचरे की चुनौती से निपटने के तरीक़े तलाश रहे हैं, ताकि इस कचरे के राक्षस का सामना किया जा सके.
आज हम आप को पांच ऐसे ही अजूबे नुस्खों के बारे में बताएंगे, जो प्लास्टिक से निपटने में मदद कर सकते हैं.
एस्परजिलस ट्यूबिनजेनसिस एक गहरे रंग का चकत्तेदार कुकुरमुत्ता होता है. ये गर्म माहौल में ख़ूब पनपता है.
ऊपर से देखने में इसमें कुछ ख़ास नहीं है. लेकिन, इसकी एक ख़ूबी हमें प्लास्टिक के राक्षस से लड़ने में मदद कर सकती है.
प्लास्टिक की सबसे बड़ी चुनौती होती है कि ये नष्ट नहीं होता या गलता नहीं है.. यही वजह है कि आज ये हमारे शरीर के भीतर तक जगह बना चुका है. ऐसे ज़रिए तलाश किए जा रहे हैं जिससे प्लास्टिक को क़ुदरती तौर पर गलाया जा सके.
पाकिस्तान की क़ायद-ए-आज़म यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने इस फफूंद में ऐसे गुण पाए हैं, जो प्लास्टिक को गला सकते हैं.
एस्परजिलस ट्यूबिनजेनसिस से पॉलीयूरेथेन को गलाया जा सकता है.
इस रिसर्च के अगुवा सहरून ख़ान कहते हैं कि, 'इस फफूंद से ऐसे एंजाइम निकलते हैं, जो प्लास्टिक को गलाते हैं. इस गले हुए प्लास्टिक से फफूंद को पोषण मिलता है.'
यानी ये उम्मीद जगी है कि एस्परजिलस ट्यूबिनजेनसिस की मदद से प्लास्टिक को गलाया जा सकता है.
प्रशांत महासागर में 'द ग्रेट पैसिफ़िक गार्बेज पैच' समुद्र में कचरे का सबसे बड़ा ठिकाना है.
यहां पर 80 हज़ार टन से भी ज़्यादा प्लास्टिक जमा हो गया है. ये कचरा फ्रांस के बराबर इलाक़े में कैलिफ़ोर्निया और हवाई द्वीपों के बीच फैला हुआ है.
नीदरलैंड के 24 बरस के इंजीनियर बॉयन स्लैट की अगुवाई में इस कचरे को साफ़ करने का अभियान छेड़ा गया है. इसे सिस्टम 001 नाम दिया गया है.
ये कचरा जमा करने वाली 600 मीटर लंबी, तैरती हुई मशीन है. जो तीन मीटर की गहराई तक से कचरा जमा करती है.
इस जमा कचरे को हर महीने एक जहाज़ में लाद कर हटाया जाएगा. बॉयन स्लैट की इस परियोजना की तारीफ़ भी हो रही है, और विरोध भी.
किसी को भी नहीं पता कि आगे चल कर क्या होने वाला है.
बॉयन स्लैट कहते हैं कि, 'इस वक़्त तो मैं उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहा हूं. हम ने इससे प्लास्टिक जमा कर के ये दिखा दिया है कि ये तकनीक कारगर है.'
का पहला क़दम तो इसका इस्तेमाल कम से कम करना है.

No comments:

Post a Comment